भारत के राष्ट्रपतिः ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
निबंध-संकेत (रूपरेखा)
- प्रस्तावना
- जन्म एवं शिक्षा
- मिसाइल जनक
- ग्यारहवें राष्ट्रपति
- भारत रत्न से सम्मानित
- नि:स्वार्थ देश सेवा
- उपसंहार
प्रस्तावना - भारत विश्व में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। हमारे संविधान के अनुसार बिना किसी जाति, धर्म, भाषा के भेद-भाव के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हैं। चाहे वह व्यक्ति सामान्य पुरुष है, राजनैतिक है या अराजनैतिक। देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाले श्री अवुल पाकिर जैनूलवद्दीन अब्दुल कलाम अराजनैतिक व्यक्ति हैं। श्री कलाम देश के ग्यारहवें महामहिम राष्ट्रपति थे।
जन्म एवं शिक्षा - श्री कलाम का जन्म 15 अक्तूबर, 1931 को तमिलनाडू के रामेश्वरम् नामक स्थान पर साधारण परिवार में हुआ। इनके पिता रामेश्वरम् में नाविक का काम करते थे। श्री कलाम बचपन से ही लगनशील. मेहनती और कर्मठ थे। प्रारंभिक शिक्षा समाप्त करने के पश्चात् इन्होंने मद्रास तकनीकी संस्थान से वैमानिकी में इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त की।
मिसाइल जनक - इन्होंने 1958 में सुरक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में कार्य करना शुरू किया। डॉ. कलाम प्राचीन 1963 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में नियुक्त हुए। इन्होंने एस.एल.वी-111 नामक उपग्रह को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। रोहिणी उपग्रह को विकसित करने में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। डॉ. कलाम को भारतीय सुरक्षा के इतिहास में मिसाइल जनक' के नाम से जाना जाता है। जुलाई, 1992 से दिसंबर, 1999 तक ये पुस्तक रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार रहे।
ग्यारहवें राष्ट्रपति - डॉ कलाम मस्लिम संप्रदाय से संबंध रखने के बावजूद भी प्रतिदिन गीता पाठ करते हैं। यह उनके सर्वधर्म समभाव का साक्षात उदाहरण है। डॉ. कलाम ने आजीवन अविवाहित रहकर ईमानदारी और निष्ठा से शिक्षा देश की सेवा की । उनकी इसी सेवा से प्रभावित होकर सभी राजनैतिक दलों ने आपसी भेदभाव भुलाकर उन्हें बहुमत से देश का ग्यारहवाँ राष्ट्रपति चुना।
भारत रत्न से सम्मानित - डॉ. कलाम को उनकी सेवाओं से प्रभावित होकर अनेक बार सम्मानित किया गया। इन्हें 1981 में पद्म भूषण से, 1990 में पद्म विभूषण से और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1997 में ही इन्हें राष्ट्रीय एकता के लिए सम्मानित किया गया। डॉ. कलाम को तीस विश्वविद्यालयों द्वारा ‘डॉक्टर ऑफ साइंस' की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।
नि:स्वार्थ देश सेवा - 24 जुलाई, 2002 को राष्ट्रपति की शपथ लेने के बाद आपने अपने विवेक, योग्यता तथा शासकीय क्षमता का परिचय देते हुए नि:स्वार्थ भाव से देश की सेवा की। आपने एक उज्ज्वल एवं विकसित भारत का आवश्यकता स्वप्न अपने हृदय में संजोय रखा था। डॉ. कलाम का बच्चों से गहरा लगाव है तथा ये युवाओं के लिए प्रोत्साहन है।
उपसंहार - हम भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि डॉ. कलाम लंबे समय तक जीवित रहें और अपनी बुद्धिमता तथा परिश्रम से देश की उन्नति में चार चाँद लगाते रहें।
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