विज्ञान वरदान या अभिशाप 250 से 300 शब्दों में निबंध लिखिए | विज्ञान वरदान या अभिशाप short Essay in Hindi

                     **विज्ञान: वरदान या अभिशाप**
विज्ञान: वरदान या अभिशाप निबंध



निबंध-संकेत (रूपरेखा)-- प्रस्तावना, विज्ञान वरदान भी और अभिशाप भी, मानव जीवन के लिए वरदान, बिजली का आविष्कार, मनुष्य का हितैषी, युद्ध के विनाश उपकरण, उपसंहार।

प्रस्तावना--नि:संदेह वर्तमान शताब्दी विज्ञान की शताब्दी है। यद्यपि विज्ञान प्राचीन काल में भी उन्नत था तथा  21वीं शताब्दी में विज्ञान का एक नया अध्याय आरंभ हुआ है। आज मनुष्य पूर्णतः विज्ञान के अधीन हो गया है। आधुनिक वैज्ञानिक खोजों ने मनुष्य के जीवन में एक नई क्रांति ला दी है। आज मानव ने  विज्ञान के बल पर प्रकृति को भी अपनी दासी बना लिया है। मनुष्य में विज्ञान की सहायता से नदियों को बांधकर नेहरे निकाल दि हैं, बड़े-बड़े पर्वतों का सीना चीरकर सुरंगे बना दी हैं। समुद्र के सीने से 'पेट्रोलियम' निकाल लेना एक बड़ी उपलब्धि है। सिनेमा, रेडियो, टेलीविजन, तार, बेतार, डाक ,मोटर ,रेल, वायुयान, समुद्री जहाज, फोन आदि की चर्चा तो अब पुरानी पड़ गई है।

विज्ञान वरदान भी और अभिशाप भी--- विज्ञान की अत्याधुनिक देन कंप्यूटर है। कंप्यूटराइज रोबोट की मदद से आजा ऐसे-ऐसे कार्य होने लगे हैं। जिनको मानव शायद कभी ना कर पाता। आज मनुष्य ने चंद्रमा की नहीं सौर मंडल के दूसरे ग्रहों को भी टोह लेना आरंभ कर दिया है। कहने का तात्पर्य इतना है कि आज विज्ञान में मानव जीवन को इतनी सुविधाओं से भर दिया है, कि अब किसी भी कार्य के लिए उसे हाथ हिलाने की आवश्यकता नहीं रह गई है। लेकिन इस तस्वीर का दूसरा पहलू भी है। विज्ञान मनुष्य को ऐसे-ऐसे प्रक्षेपास्त्र, आणविक-हथियार भी उपलब्ध कराए हैं जो एक ही इशारे में सारी मानव संस्कृति को विनाश के गड्ढे में धकेल सकते हैं।

मानव जीवन के लिए वरदान--- चाहे चिकित्सा का क्षेत्र हो या इंजीनियरिंग का, भौतिक विज्ञान की बात हो या रसायन विज्ञान की, विज्ञान ने सभी क्षेत्रों में अपना प्रभुत्व स्थापित कर दिखाया है। मानव की सुविधा के लिए रेल, मोटर, वायुयान ,जलयान बड़े-बड़े भवन सभी सुविधाएँ विज्ञान की ही तो देन है। चिकित्सा के क्षेत्र में आज नई-नई औषधियों की खोज, नई-नई तरह की मशीनों का ऑपरेशनों  में प्रयोग आज मानव जीवन के लिए वरदान बनकर सामने आया है। लेजर तकनीक से इलाजन ने तो आज चमत्कृत ही कर दिखाया है।

बिजली का आविष्कार--विद्युत का उत्पादन इस युग की सबसे बड़ी देन है। संसार में विद्युत ने प्रकाश ही नहीं दिया है; बल्कि कृत्रिम अग्नि, वायु, जल सभी को उत्पन्न कराने में अद्भुत योगदान दिया है। बिजली का आविष्कार ही वास्तव में सभी अविष्कारों की जननी है। रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन, तार आदि का प्रयोग तो तब आम हो गया है। कंप्यूटर, फैक्स, ईमेल मोबाइल फोन से हमें सारे विश्व की सूचना एक ही क्षण में उपलब्ध हो जाती हैं।

मनुष्य का हितैषी-- विज्ञान ने मनुष्य को क्या-क्या नहीं दिया। आज बटन दबाते ही सारे-सुख साधन उपलब्ध हो जाते हैं। सारी मानव जाति को एक दूसरे के निकट लाने में विज्ञान का अद्भुत योगदान है। कृषि क्षेत्र में नई-नई तकनीकों और रासायनिक खादों की खोज ने उपज को चौगुना कर दिया है। कंप्यूटर का प्रयोग आज के प्रत्येक क्षेत्र में होने लगा है। शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर एक वरदान बनकर ही सामने आया है। जल, थल ,आकाश कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां मनुष्य की पहुंच ना हुई हो और कंप्यूटर प्रत्येक क्षेत्र में मनुष्य का हितैषी बनकर सामने आया है।

युद्ध के विनाशकारी उपकरण-- जहां विज्ञान ने मानव को इतने वरदान दीए हैं। वहीं अनेक समस्याएं भी खड़ी कर दी हैं। विज्ञान ने मनुष्य को विनाश के साधन भी उपलब्ध करा दिए हैं। युद्ध के विनाशकारी उपकरण टैंक, बमवर्षक,  विमान, फाइटर-विमान आणु बम, विषैली-गैसें आदी सब विज्ञान की ही देन है।



 निष्कर्ष--विज्ञान का सदुपयोग मानव कल्याण के लिए है और दुरुपयोग विनाश के लिए यदि वैज्ञानिक उपलब्धियों का दुरुपयोग करता है तो विनाश होगा ही इसके लिए विज्ञान जिम्मेदार नहीं होगा बल्कि मनुष्य जिम्मेदार होगा विज्ञान तो अपने में दोष रहे थे दोष है मनुष्य की अपनी लालसा ओं का विज्ञान तो केवल एक साधन है आवश्यकता इस के सदुपयोग की है सदुपयोग सदुपयोग का संबंध विज्ञान से नहीं वरन उसकी उपयोगकर्ताओं पर निर्भर है विज्ञान तो निर्जीव है वह दोषी कैसे हो सकता है

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