दीपावली पर निबंध लिखिए। दीपावली पर 250 से 300 शब्दों में निबंध लिखिए।

Deepawali par nibandh

                       
**दीपावली**

 निबंध-संकेत (रूपरेखा)- प्रस्तावना,मनाने के कारण, मनाने का ढंग, बाजारों की सजावट, बुराइयां ,उपसंहार


प्रस्तावना--दीपावली शब्द दो शब्दों के मेल से बना है दीप+अवली,अर्थात् दीपों की कतार। इस दिन दीपकों को कतारों (लाइनों) में जलाया जाता है,  इसलिए इसको दिवाली , दीपावली और ज्योति पर्व के नाम से भी पुकारा जाता है। यह कार्तिक के महीने में अमावस्या की अंधेरी रात को प्रकाश में बदलकर मनाया जाता है। दीपावली एक ओर "तमसो मा ज्योतिर्गमय" की संदेशवाहक है तो दूसरी और लक्ष्मी देवी का संदेश देती है कि मैं जिसकी स्वामिनी बनति हूँ, वह उलूक  बन जाता है।  मैं जिसकी सहेली बनती हूँ,  वह कुबेर बन जाता है।  मैं जिसकी दासी बनती हूँ,  वह स्वयं श्री लक्ष्मीपति अर्थात विष्णु बन जाता है। दीपावली को एकता का पर्व माना जाता है क्योंकि यह पर्व  सभी भारतीय मिल-जुलकर मनाते हैं।



मनाने के कारण-- दीपावली का त्यौहार वर्षा की समाप्ति पर आता है।  इस समय शरद् ऋतु का आगमन होता है।  धरती की कीचड़ और गंदगी समाप्त हो जाती है।  अतः लोग अपने घरों, दुकानों की सफाई करते हैं ताकि सीलन, कीड़े-मकोड़े और अन्य कीटाणु समाप्त हो जाएँ। सफ़ेदी व रंग-रोगन तो रोगाणु नाशक का काम करते हैं। दीप जलाने का लक्ष्य यही है कि सरसों के तेल के धुएँ से वातावरण के रोगाणु नष्ट हो जाएँ।
इस दिन श्री रामचंद्र जी 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या पधारे थे। अयोध्या वालों ने उनका स्वागत घी के दीपक जलाकर किया था। उस दिन की याद को ताजा करने के लिए प्रतिवर्ष यह पर्व मनाया जाता है। हिंदू लोग इस दिन धन की देवी लक्ष्मी का पूजन करते हैं। उनका विचार करते है कि धन की देवी लक्ष्मी इस दिन सबके घर चक्कर लगाती हैं। इसलिए घरों को सजाकर सारी रात जागा जाता है।



मनाने का ढंग--  इसे मनाने के लिए कई दिन पहले ही तैयारियाँ होने लग जाती हैं। घरों को रंग-रोगन से सजाया जाता है। इस दिन लोग बाजारों में बम-पटाखे खरीद कर लाते हैं। सायंकाल होते ही लाइनों में दीपक जलाए जाते हैं। मिठाईयां बांटी जाती है। और बम- पटाखे छोड़ कर खुशियां मनाई जाती हैं। अमृतसर की दीपावली बहुत प्रसिद्ध है।




बाजारों की सजावट---दीपावली में मिठाई की दुकानें,  मेवों तथा फलों की दुकानें तथा उपहार सामग्री की दुकानें काफी अच्छी तरह सजाई जाती है। इन दुकानों पर काफी भीड़ होती है।



बुराइयाँ-- दीपावली सुख समृद्धि की कामना तथा सत्य और न्याय की जीत का उत्सव है। यह भारत की राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है। कुछ लोग इस दिन मदिरा-पान करते हैं। और जुआ खेलते हैं यह एक कलंक है। हमें स्वास्थ्य कामना के इस त्यौहार को स्वस्थ ढंग से मनाना चाहिए तथा धन का सदुपयोग करते हुए समृद्धि का अह्वान करना चाहिए।





उपसंहार--- दीपावली का त्यौहार एक धार्मिक त्यौहार है। भारत में जिस प्रकार ऋतुओं में वसंत ऋतु का महत्व है उसी प्रकार त्योहारों में दीपावली के त्यौहार का महत्व है। यह त्यौहार हमारे तन-मन को घर आंगन को गली-कूचे को जगमग कर देता है। मोतियों की लड़ी की भांति रोशनी जगमगा उठती है।


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