छोटे भाई को खेलों का महत्व बताते हुए तथा खेलों में भाग लेने की प्रेरणा देते हुए पत्र लिखिए।
पता-राज नगर , गाजियाबाद
दिनांक -02Jan2024
प्रिय (,अनुज) अंकित
स्नेह आशीष ,
आज ही मुझे पिताजी का पत्र मिला उन्होंने बताया, कि तुमने अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है उन्होंने यह भी बताया कि तुम दिन भर बस एक जगह बैठकर पढ़ते रहते थे ना ही तुम बाहर टहलने जाते थे और ना ही कोई व्यवहार आदि करते थे |
प्रिय अनुज बड़े भाई के नाते मैं तुम्हें बताना चाहता हूं कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद का भी महत्व होता है खेलकूद करने से शरीर और दिमाग दोनों ही में पूर्ति बनी रहती है स्फूर्ति बनी रहती हो है मेरी इच्छा है कि तुम होशियार और विद्वान बनो पर यूं अपना स्वास्थ्य गवा कर नहीं आशा है कि तुम मेरी बात पर गौरतलब करोगे और आगे से पढ़ाई के साथ-साथ खेल के महत्व को भी समझोगे और व्यायाम भी करोगे।
तुम्हारा अग्रज
सचिन
पता-----------------
दिनांक------------
प्रिय--------------
स्नेह आशीष।
आज ही मुझे माता जी का पत्र मिला। यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई कि तुमने----- कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। लेकिन यह जानकर दुख हुआ कि तुमने यह सफलता अपना स्वास्थ्य गँवाकर प्राप्त की है। मुझे यह पता लगा है कि तुम केवल सारा दिन पढ़ाई में ही व्यस्त रहते हो ना तो तुम व्यायाम करते हो ना ही भ्रमण के लिए जाते हो।
मेरी इच्छा है कि तुम विद्वान बनो लेकिन साथ ही अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए व्यायाम से ही मस्तिष्क का विकास होता है, क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास करता है। स्वास्थ्य का पूरा पूरा ध्यान रखना चाहिए स्वास्थ्य बहुमूल्य धन है जिसने स्वास्थ्य पा लिया उसने सब कुछ पा लिया।
मैं आशा करता हूं कि तुम किताबी कीड़ा ना बन कर अपने स्वास्थ्य का भी पूरा-पूरा ध्यान रखोगे।
तुम्हारा अग्रज ,
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